कोरी कोरी नरियर चढ़े लिरिक्स : दिलीप षड़ंगी | kori kori nariyar chadhe lyrics | dilip sharangi song
स्थाई :-
ए कोरी कोरी नरियर चढ़े
ए दाई ओ लारी लारी चुनरी ओढ़े
केरा गांव म अकोला छांव म -2
माई विराजे हे द्वारी खोले
ए कोरी कोरी नरियर चढ़े
ए दाई ओ लारी लारी चुनरी ओढ़े
अंतरा (1)
चैत महीना चूरमा चिरौंजी
बैशाख बर्फी बूंदिया बालूशाही
जेठ जलेबी जुआरी लाडू
आषाढ़ महीना अंदरसा लाहुँ
सावन मा शक्कर पारा
(ए दाई ओ सावन मा शक्कर पारा)
भादो म भुजिया भूई मूंग महके - 2
मन ला मोहे, मोर मन ला मोहे
ए कोरी कोरी नरियर चढ़े
ए दाई ओ लारी लारी चुनरी ओढ़े
अंतरा (2)
कुंवार माह के लाडू बनाए
कार्तिक करी लाडू काजू खवायें
अगहन अरसा ठेठरी गुजियाला
पुष मा पेड़ा पप्पड़ चिं चढ़ावे
माघ मा मोहन भोगा
(ए मोतीचूर माघ मा मोहन भोगा)
बारह महीना बारह भोगा -2
लारी चुनरिया संग चूड़ी चढ़े
ए कोरी कोरी नरियर चढ़े
ए दाई ओ लारी लारी चुनरी ओढ़े
ए कोरी कोरी नरियर चढ़े
ए दाई ओ लारी लारी चुनरी ओढ़े
केरा गांव म अकोला छांव म -2
माई विराजे हे द्वारी खोले
ए कोरी कोरी नरियर चढ़े
ए दाई ओ लारी लारी चुनरी ओढ़े
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