आरती सजांव लिरिक्स - कांतिकार्तिक यादव | aarti sajao lyrics | cg jasgeet song| cg song lyrics
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आरती सजांव लिरिक्स - कांतिकार्तिक यादव |
स्थाई:-
हे मोर महतारी, तोर दुवारी
हे मोर महतारी, तोर दुवारी
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
हे मोर महतारी, तोर दुवारी
हे मोर महतारी, तोर दुवारी
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
अंतरा (1)
बगिया के फूल चुन चुन
तोर बर लानेंव
(तोर बर लानेंव दाई, तोर बर लानेंव)
निर्मल गंगा जल मा
चरन पखारेंव
(चरन पखारेंव दाई, चरन पखारेंव )
लाली सिंदूर तोर,
मांग मा साजे
(मांग मा साजे तोर, मांग मा साजे )
पबरित कलश के दियना
मन भाव लागे
(मन भाव लागे दाई, मन भाव लागे )
सबके हितकारी, तोर महिमा बड़ भारी
सबके हितकारी, तोर महिमा बड़ भारी
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
हे मोर महतारी, तोर दुवारी
हे मोर महतारी, तोर दुवारी
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
अंतरा (2)
ममता के तोरे ध्वजा ह
निसदिन लहराए
(निसदिन लहराए ओ दाई, निसदिन लहराए )
सब ला सुखी देखत तैं
सुघ्घर मुस्काए
(सुघ्घर मुस्काए दाई, सुघ्घर मुस्काए )
सोमंतीक खड़ डब रचना
आशा लगाए
(आशा लगाए ओ दाई, आशा लगाए )
कांतिकार्त्तिक के सुर ह
तोला मनाए
(तोला मनाए ओ दाई, तोला मनाए )
गावे नर नारी, तैं शक्ति के अवतारी
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
हे मोर महतारी, तोर दुवारी
हे मोर महतारी, तोर दुवारी
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
आरती सजांव मइया, आरती सजांव
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