बोरे बासी संग मा खवाहूं लिरिक्स - दिलीप षड़ंगी | ये चैत के महीना दाई लिरिक्स | bore basi sang ma lyrics | dilip sarangi cg song lyrics

 बोरे बासी संग मा खवाहूं तोला ओ पताल चटनी लिरिक्स - दिलीप षड़ंगी | ये चैत के महीना दाई लिरिक्स | bore basi sang ma lyrics | dilip sarangi cg song lyrics 

बोरे बासी संग मा खवाहूं तोला ओ पताल चटनी लिरिक्स - दिलीप षड़ंगी | ये चैत के महीना दाई लिरिक्स | bore basi sang ma lyrics | dilip sarangi cg song lyrics
बोरे बासी संग मा खवाहूं तोला ओ पताल चटनी लिरिक्स


स्थाई :- 

हे चैत के महीना दाई, आबे मंझनी

हे चैत के महीना दाई, आबे मंझनी

बोरे बासी संग मा खवाहूं तोला ओ पताल चटनी 

(पताल चटनी दाई, पताल चटनी

बोरे बासी संग मा खवाहूँ तोला ओ पताल चटनी )

अंतरा (1)

कहां ले पांवव माल पुआ, 

मैं निर्धन किसान ओ

(मैं निर्धन किसान दाई, मैं निर्धन किसान ओ) 

घर में आबे चीला खवाहुँ

चौंउर के पिसान ओ

(चौंउर के पिसान दाई, चौंउर के पिसान ओ) 

तैं आबे मंझनी, तैं आबे मंझनी 

बोरे बासी संग मा खवाहूँ तोला ओ पताल चटनी 


अंतरा (2)

अंगाकर ह बने मिठाही,

संग मिरचा के झार ओ 

(संग मिरचा के झार दाई, संग मिरचा के झार ओ) 

भोग लगा ले महामाई, 

महूं ला दे ना तार ओ

(महूं ला दे ना तार दाई, महूं ला दे ना तार ओ) 

तैं आबे मंझनी, तैं आबे मंझनी

बोरे बासी संग मा खवाहूँ तोला ओ पताल चटनी  

अंतरा (3)

देव बलौदा देव लोक म 

हावय तोर वास ओ

(हावय तोर वास दाई, हावय तोर वास ओ)

नव दिन ले बलावत हंव 

करी के उपास ओ

(करी के उपास दाई, करी के उपास ओ) 

तैं आबे मंझनी, तैं आबे मंझनी

बोरे बासी संग मा खवाहूँ तोला ओ पताल चटनी  


हे चैत के महीना दाई, आबे मंझनी

हे चैत के महीना दाई, आबे मंझनी

बोरे बासी संग मा खवाहूं तोला ओ पताल चटनी 

(पताल चटनी दाई, पताल चटनी

बोरे बासी संग मा खवाहूँ तोला ओ पताल चटनी )

➡️ आमा पान के पतरी लिरिक्स दिलीप सडंगी


बोरे बासी संग मा खवाहूं तोला ओ पताल चटनी लिरिक्स - दिलीप षड़ंगी | ये चैत के महीना दाई लिरिक्स | bore basi sang ma lyrics | dilip sarangi cg song lyrics 


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