Mor jingi me donga ka o lyrics मोर जिनगी के डोंगा ल लिरिक्स | alka chandrakar cg jasgeet lyrics| cg bhakti song lyrics
स्थाई:-
चाहे रिसाये ये जग सगरो
दाई तै झन रिसाबे ओ
मोर जिनगी के डोंगा ल ओ दाई पार लगाबे
चाहे रिसाये ये जग सगरो
दाई तै झन रिसाबे ओ
मोर जिनगी के डोंगा ल ओ दाई पार लगाबे
अंतरा:- (1)
चौरासी के बंधना दाई
चौरासी हे धारा
(चौरासी हे धारा भवानी चौरासी हे धारा)
ठाढ़े ठाढ़े गुनत हावव
कइसे उतरंव पारा
(कइसे उतरंव पारा भवानी कइसे उतरंव पारा)
तैं जग के ओ महतारी कब करबे मोर चिन्हारी
मोर फुटहा करम ला ओ कोन बेरा सजाबे
ये महमाया
मोर जिनगी के डोंगा ल ओ दाई पार लगाबे
मोर जिनगी के डोंगा ल ओ दाई पार लगाबे
अंतरा:- (2)
तोर किरपा ले ठगडी के छाती ले
फूटय दूध के धारा
(फूटय दूध के धारा भवानी फूटय दूध के धारा)
तोर डेहरी म महुं परे हंव
नई हे कोनो सहारा
(नई हे कोनो सहारा भवानी नई हे कोनो सहारा)
मोर जिनगी म हे अंधियारी आही कब ओ उजियारी
हिरदय में भक्ती के ओ अब जोत जलाबे
ये महामाया
मोर जिनगी के डोंगा ल ओ दाई पार लगाबे
मोर जिनगी के डोंगा ल ओ दाई पार लगाबे
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