सोने के कलश मा लिरिक्स - अलका चंद्राकर | sone ke kalsh ma lyrics | cg bhakti song | alka chandrakar cg song
श्लोक
मइया के सिरजे, मोर रैया रतनपुर ओ
रैया रतनपुर ओ, दीदी ते सिरजे मल्हार,
मईहर के सिरजे मोर शारदा भवानी ओ
सुमरी सुमरी जस गांवव ओ
स्थाई :-
सोने के कलश मोर, दियना अउ बाती
जगमग जगमग बरे दिन राती
सोने के कलश मोर, दियना अउ बाती दाई
जगमग जगमग बरे दिन राती
जीहां महामाया जी विराजे हो 2
जोहरे हे तैंतीस कोटि देवता अउ धामी
सोने के कलश मोर, दियना अउ बाती दाई
जगमग जगमग बरे दिन राती
अंतरा (1)
ऊंचे मढोलिया तोर चरण पोताए दाई
जगमग जगमग लागे लागे लागे
चंदा सुरुज दाई, अंगना विराजे ओ
निस दिन करे उजियारे यारे यारे
सोने के कलश मोर, दियना अउ बाती दाई
जगमग जगमग बरे दिन राती
अंतरा (2)
ये नवधी बनावव सगा, कनक बनायेव दाई
किसम किसम कई लोग लोग लोग
लटनी लटक कई झूलनी बनायेव दाई
बरन बरन कई लोग लोग लोग
सोने के कलश मोर, दियना अउ बाती दाई
जगमग जगमग बरे दिन राती
अंतरा (3)
ये मढिया के तीर तीर, कढ़ली कछारे दाई
गंगा बोहावे जीहां धार धार धार
बईठे ले अगोरेंव मां, तोर चाहुंर डोलावे दाई
भैरव बने हे रखवार वार वार
सोने के कलश मोर, दियना अउ बाती दाई
जगमग जगमग बरे दिन राती
सोने के कलश मोर, दियना अउ बाती
जगमग जगमग बरे दिन राती
सोने के कलश मोर, दियना अउ बाती दाई
जगमग जगमग बरे दिन राती
जीहां महामाया जी विराजे हो 2
जोहरे हे तैंतीस कोटि देवता अउ धामी
सोने के कलश मोर, दियना अउ बाती दाई
जगमग जगमग बरे दिन राती
➡️ ढोल बाजे रे, नगाड़ा बाजे ना लिरिक्स
सोने के कलश मा लिरिक्स - अलका चंद्राकर | sone ke kalsh ma lyrics | cg bhakti song | alka chandrakar cg song