घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है भजन लिरिक्स || ghanshyam teri bansi pagal kar jati hai lyrics in Hindi
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Ghanshyam teri bansi pagal kar jati hai |
घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है
मुस्कान तेरी मोहन, घायल कर जाती है
(1)
सोने की होती तो, क्या करते तुम मोहन
सोने की होती तो, क्या करते तुम मोहन
ये बांस की होकर भी - 2
दुनिया को नचाती है
(2)
तुम गोरे होते तो, क्या कर जाते मोहन
तुम गोरे होते तो, क्या कर जाते मोहन
जब काले रंग पर ही - 2
दुनिया मर जाती है
(3)
दुख दर्दों को सहना, बंसी ने सिखाया है
दुख दर्दों को सहना, बंसी ने सिखाया है
इसके छेद है सीने में - 2
फिर भी मुस्काती है
(4)
कभी रास रचाते हो, कभी बंसी बजाते हो
कभी रास रचाते हो, कभी बंसी बजाते हो
कभी माखन खाने की -2
मन में आ जाती है
घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है
मुस्कान तेरी मोहन, घायल कर जाती है
घनश्याम तेरी बंसी, पागल कर जाती है
मुस्कान तेरी मोहन, घायल कर जाती है
घनश्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है भजन लिरिक्स || ghanshyam teri bansi pagal kar jati hai lyrics in Hindi